🌸 1. कन्या शिक्षा सर्वोपरि: शिक्षा – बेटी पढ़े, समाज बढ़े 🌸
पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज यह संकल्प लेता है कि किसी भी बेटी का विवाह स्नातक (Graduation) पूर्ण किए बिना नहीं किया जाएगा।
समाज की हर लड़की के लिए ग्रेजुएशन तक की शिक्षा अनिवार्य – जब तक बेटी Graduate नहीं, तब तक विवाह नहीं।
"पढ़ी-लिखी नारी बने प्रगति की निशानी, हर घर में लाए विकास की कहानी।"
"पढ़ी-लिखी गृहलक्ष्मी ही घर व समाज के विकास की रीढ़ होती है। शिक्षा है शक्ति, शक्ति से हो सामाजिक क्रांति!"
🚫 2. दहेज नहीं, सम्मान चाहिए 🚫
समाज में दहेज लेना–देना पूर्णतः निषिद्ध होगा।
बेटी के सामान में वर पक्ष द्वारा वधूपक्ष को ₹51,000/- की प्रतीकात्मक सम्मान राशि दी जाएगी।
🌸 वधूपक्ष हेतु मर्यादा संकल्प:🌸
1. वधूपक्ष द्वारा वधू को शास्त्र स्वरूप प्रतीकात्मक भेंट दी जाएगी:
2. अधिकतम: आधा तोला सोना, 10 तोला चांदी, तथा ₹11,000 तक का अन्य सामान।इसके आलावा कोई सामग्री नहीं दी जायेगी।
यह "भावनात्मक सम्मान" है, न कि "आर्थिक बोझ"।
इससे अधिक किसी भी प्रकार का मूल्यवान सामान, नकद या उपहार देना समाज की मर्यादा के विरुद्ध माना जाएगा।
🔥नियम उल्लंघन पर सख्त सामाजिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।उद्देश्य: विवाह को सहज, सादगीपूर्ण और सम्मानजनक बनाना।
🙏 3. कन्यादान ही महादान है 🙏
हम मानते हैं कि कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं।
इसके पश्चात यदि कोई दहेज की मांग करता है, तो वह "महापाप" की श्रेणी में आता है।
🎉 4. बारात की सीमाएँ और सामाजिक उत्तरदायित्व 🎉
1. वर पक्ष 100 से अधिक बाराती नहीं ला सकेगा।
2. यदि बाराती 100 से अधिक हुए तो:
प्रति अतिरिक्त बाराती पर ₹1,000 वधूपक्ष को क्षतिपूर्ति।
प्रति अतिरिक्त बाराती पर ₹500 स्थानीय समाज को आर्थिक सहयोग।शादी समारोह में नशा, शराब, बीड़ी, अफीम आदि पूर्णतः निषिद्ध हैं।
उल्लंघन पर ₹11,000 जुर्माना स्थानीय समाज को देना अनिवार्य।
👁️🗨️ 5. सामाजिक निगरानी और व्यवस्था 👁️🗨️
स्थानीय समाज एक "प्रवेक्षक (निरीक्षक)" नियुक्त करेगा:
विवाह में बारातियों की संख्या, दहेज और अन्य व्यवस्थाओं की निगरानी करेगा।
वर पक्ष दहेज नहीं लेने और वधूया वधु पक्ष को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित न करने का लिखित वचन पत्र देगा।
💖 6. प्रेम और समर्पण का वचन 💖
शादी से पूर्व वर और वधू पक्ष से यह संकल्प पत्र लिया जाएगा:
"अतीत को भुलाकर, वर्तमान को स्वीकारते हुए, भविष्य में परस्पर प्रेम, सम्मान और सहयोग के साथ जीवन व्यतीत करेंगे।"
7. उद्देश्य और सामाजिक उत्थान
यह संकल्प केवल एक सामाजिक परंपरा नहीं, बल्कि एक नई चेतना का आह्वान है।
बेटियाँ पढ़ें, आगे बढ़ें, और बड़े पदों (IAS, डॉक्टर, जज, अधिकारी, इंजिनियरिंग, शिक्षक आदि) पर पहुँचें।
पिता दहेज से मुक्त होकर, बेटी की तरक्की में निवेश करे।
पैसा बचेगा, समाज का आर्थिक और बौद्धिक विकास होगा।
यह व्यवस्था व्यवसाय, शिक्षा और स्वाभिमान आधारित समाज निर्माण की नींव रखेगी।
🙏 पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज का विवेकपूर्ण निर्णय – अब नहीं होगा किसी पर आर्थिक बोझ!
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🛑 बेटी को पढ़ाना ही सबसे बड़ा उपहार है – शादी का दहेज़ ,मामेरा और ढूंढ नहीं, शिक्षा और सम्मान दें! 🛑
🔹बेटी के जन्म या विवाह को आर्थिक बोझ नहीं, सांस्कृतिक उत्सव बनाना होगा। बेटी शादी में दहेज़ और बाद में मामेरा और ढूंढ की परंपराएँ अब “सम्मान” के नाम पर “दहेज” का ही रूप बन चुकी हैं।
🎓 पढ़ी-लिखी बेटी – करोड़ों के दहेज से भी अधिक मूल्यवान📚🎓
📚 जब एक पिता बेटी को उच्च शिक्षा दिलाता है, उसे आत्मनिर्भर और सक्षम बनाता है,
🎓तो वही बेटी डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अधिकारी (IAS), न्यायाधीश या शिक्षक बनकर वर पक्ष के लिए गर्व का विषय बनती है –
🔥 यह असली दहेज है, जो धन से कहीं अधिक मूल्यवान होता है।🔥
🧠 पढ़ी-लिखी नारी ही समाज का गौरव है
📢 अब समय है सोच बदलने का!
🔔 अब क्या करना है?
जहाँ बेटी को शिक्षा मिले, पिता को सम्मान, और वर पक्ष को गर्व हो।
🧭 सोना–चांदी में हॉलमार्क अनिवार्य क्यों?
✅ समाज के मेहनतकश लोग अपना खून-पसीना बहाकर धन कमाते हैं और सोना-चांदी जैसे धातु में निवेश करते हैं।❌ लेकिन वास्तविकता यह है कि 99% मामलों में उन्हें शुद्ध धातु नहीं मिलती, चाहे वह किसी बड़े ब्रांड की दुकान से ही क्यों न खरीदें।🔐 हॉलमार्क ही समाज की सुरक्षा है।अब समाज यह संकल्प ले कि बिना हॉलमार्क के कोई धातु न खरीदे। यह कदम समाज की आर्थिक लूट को रोकने की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा।
🔔 यह केवल नियम नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा देने वाला एक पवित्र और जागरूक परिवर्तन है।
✊ पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज इस बदलाव का संवाहक बन रहा है – आत्मगौरव, नारी-सम्मान और संगठन का प्रतीक।
1 टिप्पणियाँ
Durgesh Kumar
जवाब देंहटाएंकृपया अपना जिला एवं राज्य का नाम लिखे तथा अपने जिले के अधिक से अधिक पीपा क्षत्रिय राजपूतो के नाम और मोबाइल नंबर हमें ईमेल पर भेजे pipa.kshatriya.rajput1@gmail.com