Header Banner

संत पीपा जयंती 2025: शोभायात्रा के लिए आमंत्रण पत्रिका

यह आमंत्रण पत्रिका का प्रारूप संत पीपा जयंती पर स्थानीय समाज के लोगो को उनके स्थानीय अध्यक्ष द्वारा शोभायात्रा में आमंत्रित करने का प्रारूप हैं, जिसमे पीपा क्षत्रिय राजपूत जातीय पहचान का ज्ञापन देना हैं 

जय संत शिरोमणि पीपा जी महाराज।  जय माता सीता ।  जय पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज।   जय राजपुताना । जय गढ़ गागरोण ।
क्षत्रिय रक्त, सिंह के सम।    
शौर्य हमारा, रण प्रचंडतम।।    
 गौ, गीता, गढ़, गुरुदेव।
 क्षत्रिय धर्म हमारा देव।।

प्रिय समाज बन्धु, माननीय श्रीमान .......
            हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज द्वारा पीपा जयंती 12 अप्रैल 2025 के दिन भव्य शोभायात्रा निकालेगा, लेकिन इस बार शोभायात्रा का उद्देश्य सिर्फ एक औपचारिक जयंती के रूप में नहीं बल्कि पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज को जातीय पहचान दिलवाने और OBC वर्ग में “दरजी’ के स्थान पर हमारी वास्तविक पहचान ‘पीपा क्षत्रिय राजपूत’ को जातीय पहचान के रूप में स्पष्ट दर्ज करने हेतु माननीय मुख्यमत्री और माननीय प्रधानमत्री को ज्ञापन देने के लिए अपनी एकता दिखाने का महाकुम्भ होगा। 
            पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के सभी सम्मानित बंधु-बांधवों एवं मातृशक्ति से सादर निवेदन है कि इस वर्ष की पीपा जयंती अन्य वर्षों की भांति ही भव्य रूप से आयोजित की जाएगी। लेकिन इस बार यह केवल एक शोभायात्रा नहीं, बल्कि हमारे गौरव, पहचान और समाज की एकता को पुनः स्थापित करने का एक ऐतिहासिक आंदोलन होगा। 
            आप सभी से निवेदन है कि इस ऐतिहासिक क्षण में समाज के प्रत्येक पुरुष एवं महिला की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। जो भी इस रैली में अनुपस्थित रहेगा, उस पर 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे समाज की एकता और जागरूकता को और अधिक सशक्त किया जा सके। यह जुर्माना आवश्यक है ताकि समाज की भलाई, सभी की उपस्थिति और हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित किया जा सके। 
            समाज की एकता और जागरूकता तभी संभव है जब हम सभी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाएँ। हालांकि, 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों एवं 10वर्ष तक के बच्चों को इस अनिवार्य उपस्थिति नियम में छूट दी गई हैं। 
            आपके नाते-रिश्तेदार जो जिले से बाहर हैं या राज्य से बाहर हैं, उन्हें भी शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ इसबार के महाकुम्भ के संतपीपा जयंती में उपस्थित होना अनिवार्य होगा, अन्यथा उन पर भी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 
            पीपा जयंती में आने वाले सभी महिला,पुरुष और बच्चे सबसे पहले अपने नाम वं मोबाइल नंबर के साथ संबंधित उपस्थिति लेने वाले अपने कार्यकर्ता से उपस्थिति दर्ज करवाएंगे, आपके क्षेत्र का उपस्थिति लेने वाला कार्यकर्ता की लिस्ट आपको मिल जायेगी।  
पीपा जयंती के महाकुम्भ कि शोभायात्रा मार्ग एवं ज्ञापन कार्यक्रम 
            इस भव्य महाकुम्भ कि शोभायात्रा रैली में समाज के सभी लोग डीजे की राजपुताना धुन पर और ढोल नगाडो के साथ भजन-कीर्तन करते हुए शामिल होंगे और यह जुलूस संत श्री पीपाजी मंदिर, ................. से शोभायात्रा प्रारंभ होकर, .................., कलेक्टर बंगला, ........... स्थानों से होते हुए कलेक्टरेट कार्यालय तक जाएगा, जहां कलेक्टर महोदय को मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद यह शोभायात्रा पूर्व निर्धारित मार्गो से होकर पुनरू अपने गन्तव्य  स्थान पर पहुचेगी।
महत्वपूर्ण निर्देश:
1.सभी समाज बन्धु अपने घर, प्रतिस्थान पर केसरिया झंडा दिनाक 10 अप्रैल 2025 को जरुर लगावे, झंडा पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के ऑफिस से मिल जाएगा, एवं पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के प्रतिक चिन्ह का अधिक से अधिक उपयोग अपने Whatsapp Status, गाडी और मोटरसाइकिल पर स्टीकर के रूप में उपयोग में ले। संत शिरोमणि पीपा जी एवं माता सीता का फोटो फ्रेम भी पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के कार्यालय से ले सकते है, झंडा, संत शिरोमणि पीपा जी एवं माता सीता का फोटो फ्रेम एवं गाडी और मोटरसाइकिल पर स्टीकर के वास्तविक व्यय...... कि रसीद आपको कार्यालय में जमा करने पर ही यह सामग्री आपको मिलेगी. 
2. संत पीपा जयंती की शोभायात्रा के परिधान:.  पुरुषों के लिए :- सफेद पायजामा-कुर्ता या सफेद पैंट-शर्ट पहनें। केसरिया साफा अनिवार्य रूप से पहनें। महिलाओं और बच्चों के लिए :- पारंपरिक राजपूती परिधान में आएं। हर व्यक्ति अनिवार्य रूप सेे प्रतीक चिन्ह वाला बैज लगाये, प्रतीक चिन्ह की पट्टियाँ (तख्तियाँ) लेकर चलें। 
रैली के दौरान असामाजिक तत्वों से सतर्क रहें एवं समाज की गरिमा बनाए रखें।
3.स्थानीय स्तर पर सहभागिता: जो सदस्य जिले या राज्य से बहार हैं वे न तो आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं और न ही स्वयं पीपा जयंती के महाकुम्भ कि शोभायात्रा की रैली में उपस्थित हो सकते हैं, वे जहाँ पर भी हैं, उस क्षेत्र में पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज के किसी भी जुलूस या आयोजन में भाग लेकर समाज की उपस्थिति दर्ज कराएं और अपनी उपस्थिति कि तस्वीरें एवं वीडियो स्थानीय उपस्थिति लेने वाले कार्यकर्ता के पास भेज। आर्थिक सहयोग (अर्थदंड) का विकल्परू जो सदस्य किसी अपरिहार्य कारण से महारैली में सम्मिलित नहीं हो सकते, वे ₹1500 प्रति सदस्य का सहयोग राशि प्रदान कर सकते हैं। यह कोई दंड नहीं, बल्कि समाज की एकता और शक्ति के प्रदर्शन हेतु एक स्वैच्छिक योगदान है, जिससे इस ऐतिहासिक आयोजन को और अधिक भव्य बनाया जा सके।
        समाज की पहचान, गौरव और एकता के लिए नाम एवं संबोधन से जुड़ी महत्वपूर्ण पहल समाज की संस्कृति, गौरव और एकता को और अधिक सशक्त बनाने हेतु निम्नलिखित परंपराओं को अपनाना आवश्यक है:- 
1 अपने और अपने बच्चो के नाम के साथ सिंह, कुंवर व कंवर का अनिवार्य उपयोग करें।
सरकारी रिकॉर्ड अपडेट: समाज के सभी सदस्य सुनिश्चित करें कि सरकारी दस्तावेजों में लड़कों के नाम के अंत में सिंह  और लड़कियों के नाम के आगे कंवर जोड़ा जाए, नवजात शिशुओं के नामकरण में भी यह परंपरा अनिवार्य रूप से अपनाई जाए।
            यह केवल नाम का परिवर्तन नहीं, बल्कि हमारी पहचान, गौरव और एकता का प्रतीक है। इसे पूरे समाज में एक परंपरा के रूप में स्थापित करें और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी इससे जोड़ें।
         
 परंपरागत संबोधन एवं सम्मान बनाए रखें
            बच्चों को कुंवर और लड़कियों को बाईसा जैसे सम्मानजनक नामों से संबोधित करें, जिससे हमारी गौरवशाली परंपरा जीवंत बनी रहे।
            समाज के सभी लोग अपने पीपा क्षत्रिय राजपूत भाइयों को सिंह लगाकर ही संबोधित करें, जिससे हमारी संस्कृति और एकता को सशक्त रूप से स्थापित किया जा सके।
2 शादी में पीपा क्षत्रिय राजपूत वाला बैनर लगाये, शादी के कार्ड में पीपा क्षत्रिय राजपूत जरुर लिखाये, समाज के प्रतिक चिन्ह का उपयोग भी शादी कार्ड में करे क्षत्रिय रक्त, सिंह के सम, शौर्य हमारा, रण प्रचंडतम“ यह स्लोगन भी लगाये। शादी में बरातियो को यदि उपहार दिया जा रहा हैं तो समाज का प्रतिक चिन्ह वाले पीपा जी एवं माता सीता कि तस्वीर देवे, बारात आने पर, उनका स्वागत पीपा जी एव माता सीता की तस्वीर एवं समाज के प्रतीक चिन्ह वाले PATKA PATTA से करे।   
संस्कृति एवं पहचान: यह पहल समाज की विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उद्देश्य से की जाए।
            यह पीपा जयंती के महाकुम्भ कि शोभायात्रा की महारैली केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारे गौरव और पहचान को पुनः स्थापित करने का संकल्प है। हम सबका दायित्व है कि इसे पूर्ण मनोयोग से सफल बनाएं। आपकी उपस्थिति से यह आंदोलन और भी प्रभावशाली बनेगा। 
            समाज की एकता और गौरव को सशक्त बनाने हेतु हमें हर प्रकार के राग-द्वेष से ऊपर उठकर एकजुट होना है। यह आयोजन व्यक्तिगत मतभेदों से परे, समाज की शक्ति और सम्मान को समर्पित है-आइए, हम सभी मिलकर इसे ऐतिहासिक बनाएं!
समाज के हर घर से अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करें!
महत्वपूर्ण यह रैली केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज की शक्ति, एकता और पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है।
            हमारी जातीय पहचान को राजनैतिक साजिश के तहत छिपाया गया, लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपने गौरव, अस्तित्व एवं अधिकारों के लिए संगठित होकर एक महाशक्ति का परिचय दें।
            ।। शौर्यम् आत्मबलं च राजपुतानां भूषणम ।।
।। वयं क्षत्रियाः, वयं धर्मरक्षकाः, वयं रणभूमेः सिंहाः, वयं पीपदासाः।।
      ।। धर्मो रक्षति रक्षितः, वयं धर्मयोद्धाः पीपदासाः।।

आपका,

अध्यक्ष
पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज
हमारी एकता, हमारी शक्ति








Pipa Kshatriya Rajput | Rajput History & Culture

Welcome to the official blog of Pipa Kshatriya Rajput. Here, you will find historical facts, cultural insights, and important updates about the Rajput warrior community.

Pipa Ji Rajput Warrior and Saint

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

संत पीपा जी और पीपा क्षत्रिय राजपूत समाज